कभी-कभी लगता है… हम इंसान सच में बहुत स्वार्थी हैं। नियत से नहीं, पर आदत से। हम अपनी ही भावनाओं की इतनी परतों में लिपट जाते हैं कि सामने वाले की आँखों में झांकना भूल जाते हैं। हमें बस अपने दर्द का एहसास होता है, अपनी उलझनों की कहानी सुनाई देती है। पर क्या हमने …
कभी-कभी हमें दूसरों की दुनिया भी देखनी चाहिए | जब हम अपनी सोच की दीवारों में क़ैद हो जाते हैं
